
आशाराम बापू का कई महिलाओं के साथ अवैध रिश्ता है। यह संत के भेष में हवस का पुजारी है। आशाराम बापू को मैने आश्रम की कई साधिकाओं के साथ शारीरिक संबंध बनाते हुए देखा है। यह काला जादू करता है। महिलाओं पर यह तीन-तीन घंटे तक तांत्रिक क्रिया करता है। बाद में उनमें कई के साथ शारीरिक संबंध भी बनाता है। जी, हां अपने आप को स्ंवभू भगवान मानने वाले आशाराम बापू का यह सच है। इस सच का खुलासा किया है राजू चांडक ने। राजू चांडक आशाराम का सबसे करीबी पूर्व अनुयायी है। राजू चांडक के इस खुलासे से एक बार फिर धर्म का चोला ओढ़ कर लोगों की भावनाओं से खेलने वाले पाखंडी संतों की मानसिकता उजागर हुई है। वैसे तो धर्म के नाम पर देश में तमाम चोर उचक्के संत बन कर लोगों को बेवकूफ बनाते रहते है। परंतु आशाराम जैसे तथाकथित संतों की असलियत अगर यही है तो इस देश का भगवान ही मालिक है। मैने देखा है लोगों को आंख बंद कर आशाराम के सत्संगों में दौड़ जाते है, सबसे ज्यादा दीवानगी तो महिलाओं में होती है। तो क्या..आशाराम पहले भी कई विवादों में घिरे रहे है। आशाराम के बेटे पर भी आश्रम की कई साधिकाओं के साथ यौन शोषण का आरोप लग चुका है। जुलाई 2008 में अहमदाबाद स्थित उनके आश्रम में दो छात्र रहस्यमय परिस्थितियों में मृत पाए गए थे। उन पर काला जादू कर तांत्रिक क्रिया किये जाने का आरोप लगा था। उस मामले में अभी भी आशाराम संदेह के घेरे में है। उनके अनुयायियों पर सूरत में जमीन हड़पने के भी आरोप हैं। पिछले माह उनके करीब 200 अनुयायियों को एक रैली के दौरान पुलिस पर पथराव करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। अपने आप को संत कहने वाले आशाराम खुलेआम मीडिया से कई बार गाली-गलौज कर चुके है। अगर वास्तव में संत का आचरण ऐसा होगा तो शैतान कैसा होगा, हम इसकी कल्पना कर सकते है।
shabhar- http://impact25.blogspot.com/
सच क्या है यह किसी एक के कहने से मानना तो लोगो को बड़ा कठिन लगेगा..और शायद मुश्किल भी होगा..
ReplyDeleteजब तक पूर्ण रूप से सत्यता सामने ना आ गये...हाँ अगर ऐसा कुछ है तो वाकई अविश्वनीय होगा जिसे लाखों जनता देवता की तरह पूजति है ..उनका यह रूप ....आस्था पर झटका लगेगा..पर अगर सत्य होगा तो..
गलती आशाराम जैसे पाखंडी शैतानों की नहीं, हम जैसे पढ़े लिखे गवार इंसानों की है। सत्संगों में जाकर हम इनके बहकावे में आ जाते है, और ऐसे पापियों को भगवान मान लेते है।
ReplyDeleteअजीत पांडे जी से सहमत
ReplyDeleteआशा राम जी के आश्रम में रुकने वाले ये श्रीमान पहले ही बाहर आ जाते और सच उजागर कर सकते थे खैर देर आयद दुरुस्त आयद
ReplyDeleteयदि यह सच है तो घोर कल युग है आइये हम सब अपनी भूलों पर पछतावा करें और सीखे कि व्यक्ति पूजा क्यों गलत है ?
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ReplyDelete.
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अजीत पांडे जी ने हकीकत बयां कर दी है, कहीं न कहीं गलती हम लोगों की ही है, आशाराम जैसे लोग तो महज इसका फायदा उठा रहे हैं।
आइये दिखलाता हूँ असलियत इन तथाकथित संतों, गुरुओं और बाबाओं की...
जय श्री राम कहना होगा.. बापु ये ही कहते है..
ReplyDeleteSab dharm ki maayaa hai.
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